Thursday, June 19, 2025
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बीकेटीसी सीईओ के रवैये से नाराज़ अस्थायी कर्मचारी, मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन

प्रार्थीगण श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अस्थायी कार्मिक हैं और मंदिर समिति के अधीन विभिन्न दूरस्थ हिमालयी क्षेत्रों में अल्प वेतन पर दशकों से कार्य कर रहे हैं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में कुल मानवसंसाधन का करीब 70% कार्मिक अस्थायी प्रकृति का है और पूरी केदार-बदरी यात्रा व्यवस्था के मेरुदंड हम अस्थायी कार्मिक विभाग में विगत 20-25 वर्षों की अनवरत श्रेष्ट सेवा के पश्चात भी मूलभूत मानवीय सुविधाओं से तक विरक्त रखे गए हैं, अतः अपने सम्मानजनक सामाजिक जीवन जीने के धारणाधिकार को प्रवत्त करवाने संबंधी निम्नानुसार जायज माँगों को लेकर हमने मंदिर प्रबंधन के खिलाफ नियमानुसार सूचना देकर 27 मार्च 2025 को एक दिवसीय सांकेतिक धरने का आयोजन किया गया था।

जिसको रोकने के लिए पहले तो मुख्यकार्याधिकारी द्वारा सभी कार्मिकों को डरा धमका कर वापस भेजा गया और जो कार्मिक धरना स्थल पर पहुंचे उनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की जा रही है, जिससे क्षुब्द होकर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति संयुक्त कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी ने अपनी Online बैठक दिनांक ।। मार्च 2025 द्वारा सर्वसहमति से आपको यह शिकायती पत्र प्रेषित करने का निर्णय लिया।

1. सभी अस्थायी कार्मिकों के शासन से पदों की स्वीकृति तथा नियमित चयन होने तक समान कार्य हेतु समान वेतन (जिसका लाभ कतिपय कार्मिकों को दिया जा रहा है) के मंदिर समिति द्वारा पूर्व में स्वीकृत एवं अंगीकृत सिद्धान्त दिनांक 12 अगस्त 2014 एवं इस विषय में शासन के निर्देश पत्र सं० 3084/28-3-8(14 ब)/80 दिनांक 18 अगस्त 1983 के आधार पर संस्तुति को पुनः गणना करते हुए पूर्व की भांति विभागीय समिति बना अविलंब प्रवृत किया जाए।

2. अस्थायी कार्मिकों में व्याप्त वेतन विसंगति एवं न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के आलोक में वेतन पुनः निर्धारण हेतु विभागीय उपसमिति श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति संयुक्त कर्मचारी संघ के नामित सदस्य को लेकर तत्काल गठित की जाय।

3. सभी अस्थायी कार्मिकों को अतिआवश्यक रूप से तत्काल EPF, ESI, Life/Health Insurance आदि विधि मान्य सुविधाएं मंदिर समिति के बोर्ड बैठक दिनांक 27 मार्च 2023 के पारित प्रस्ताव संख्या 9 के अनुपालन में उनकी सेवा के प्रथम दिवस से अनुमन्य किया जाए।

महोदय हमारे कतिपय साथियों को एक हजार से आठ हजार मासिक वेतन पर वर्षों से कार्य करने को मजबूर हैं, विगत करीब 5 वर्षों से कोई वेतन वृद्धि नहीं मिली और केदारनाथ बदरीनाथ जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बिना किसी बीमा आदि के कार्य कर रहे हैं। इन विषयों पर मंदिर मुख्यकार्याधिकारी कोई कार्य करने को तैयार नहीं हैं और उनके विगत एक वर्ष के कार्यकाल में अपने अधिकारों को अतिक्रमित करते हुवे निम्न कार्य मंदिर में किये गए हैं:-

1. माह फरवरी 2025 में ओम्कारेश्वर मंदिर उखीमठ में एक पुजारी की अवैध नियुक्ति मुख्यकार्याधिकारी द्वारा की गयी जो मंदिर अधिनियम 1939 का उल्लंघन है, मंदिर अधिनियामानुसार मुख्यकार्याधिकारी सिर्फ कार्यल्याध्यक्ष होते हैं और विभागाध्यक्ष की शक्ति अध्यक्ष मंदिर समिति में निहित है।

2. मार्च 2025 में स्थाई कार्मिकों को ACP का लाभ देने के आदेश जारी किये गए, जो मुख्यकार्याधिकारी की शक्तियों में नहीं है और इतने बड़े वित्तीय निर्णय में मंदिर के वरिष्ट वित्त अधिकारी को अँधेरे में रखा गया।

3. मुख्यकार्याधिकारी द्वारा अप्रैल 2025 में अपने निजी वाहन चालक को मंदिर समिति से वेतन देने का आदेश जारी किया गया, एवं मंदिर के सरकारी वाहन को अपने निजी चालक द्वारा चलवाया जा रहा है और वाहन पर अनाधिकृत बत्ती एवं हूटर का भी प्रयोग किया जा रहा है।

4. वर्तमान समय में मंदिर समिति एवं उसके अध्यक्ष के पद पर शासन द्वारा नियुक्ति लंबित है तथा प्रशासक की नियुक्ति भी नहीं की गयी है अतः नया बजट पास नहीं हो पाया है, लेकिन मुख्यकार्याधिकारी द्वारा करोड़ों रूपए की खरीद फरोख्त एवं निविदाएं बिना वरिष्ट वित्त अधिकारी की सहमती के आमंत्रित की जा रही है जो भारी वित्तीय अनियमितता है।

5. यह भी पता चला है की मुख्यकार्याधिकारी द्वारा बिना वरिष्ट वित्त अधिकारी से अग्रसारित हुवे कतिपय ठेकेदारों को सीधा भुगतान करवाया जा रहा है।

अतः महोदय से सादर अनुरोध है कि मंदिर समिति में चल रहे इन भारी गड़बड़ियों का संज्ञान लेते हुवे इनकी जांच के आदेश जारी करने एवं वर्षों से कार्यरत कार्मिकों को उनके विधिक अधिकार दिलवाने की महती कृपा करेंगे।

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