- बुधवार से प्रारंभ होगी पीडीएनए की प्रक्रिया – सुमन
- मुख्यमंत्री द्वारा जल्द प्रक्रिया संपन्न करने के दिए गए हैं निर्देश
- पीडीएनए के बाद भारत सरकार को भेजा जाएगा विस्तृत प्रस्ताव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में मानसून सीजन 2025 में राज्य को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए भारत सरकार से स्पेशल पैकेज प्राप्त किए जाने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कवायद तेज कर दी गई है। बुधवार से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से मानसून सीजन 2025 में राज्य को हुई क्षति के वास्तविक आकलन के लिए पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड्स एसेसमेंट) की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा निर्देश दिए हैं कि आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन तथा पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करने के लिए सभी विभागाध्यक्ष अगले सप्ताह से फील्ड विजिट करेंगे। पहले हफ्ते विभागाध्यक्ष स्वयं जाएंगे और दो दिन जनपद में ही रुकेंगे। दूसरे हफ्ते एचओडी के बाद द्वितीय वरिष्ठ अधिकारी तथा तीसरे हफ्ते तृतीय वरिष्ठ अधिकारी फील्ड विजिट करेंगे। सभी विभागाध्यक्ष जनपदों में जिलाधिकारियों से भी मुलाकात कर विभागीय कार्यों को गति देने के लिए समन्वय स्थापित करेंगे। जिन कार्यों में समस्याएं आ रही हैं, जिलाधिकारी से वार्ता कर उनका तत्काल ही निराकरण करेंगे। जिलाधिकारी द्वारा भी विभागीय स्तर पर आ रही समस्याओं को एचओडी को अवगत कराया जाएगा तथा समाधान करते हुए कार्यों को गति दी जाएगी।
आपदाओं के बाद आवश्यकताओं के आकलन के लिए बुधवार से पीडीएनए की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बुधवार से पीडीएनए के लिए भारत सरकार की टीम उत्तराखण्ड पहुंच रही है। पीडीएनए के लिए चार टीमें बनाई गई हैं, जो सभी जनपदों में जाकर क्षति का वास्तविक आकलन करेंगी। जनपद स्तर पर टीम को जिलाधिकारी लीड करेंगे। एचओडी नोडल अधिकारी के रूप में योगदान करेंगे। इस टीम में जनपद स्तर पर कुछ अधिकारियों को जिलाधिकारी तथा कुछ को एचओडी द्वारा नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्कीम का पीडीएनए किया जाएगा और उसके अनुरूप ही प्रस्ताव भारत सरकार को दिया जाएगा। टीम में सभी विभागों के लोगों को शामिल किया गया है।
सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आपदा के कारण सिर्फ परिसंपत्तियों को ही नहीं बल्कि लोगों की आजीविका को भी व्यापक नुकसान हुआ है। माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि लोगों की आजीविका को दोबारा से पटरी पर लाने तथा पुनः बहाल करने के लिए हर संभव मदद सरकार की तरफ से दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आपदा के कारण तीर्थाटन व पर्यटन से जुड़े लोगों के रोजगार व आजीविका को गहरा आघात लगा है। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालक, ड्राईवर, क्लीनर, टैक्सी संचालक, तीर्थ पुरोहित, किसान, फल-फूल विक्रेता, टूरिस्ट गाइड आदि अनेक व्यवसायों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष व्यापक नुकसान हुआ है। सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि इसका भी आकलन कर पीडीएनए में शामिल किया जाए।

