Thursday, June 19, 2025
Google search engine
Homeराज्य समाचारउत्तराखण्डसरकारी विद्यालयों में गूंजेगी ढोल-दमाऊ और मशकबीन की धुनः डॉ. धन सिंह...

सरकारी विद्यालयों में गूंजेगी ढोल-दमाऊ और मशकबीन की धुनः डॉ. धन सिंह रावत।

देहरादून: नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप सरकारी विद्यालयों में नवाचारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के दृष्टिगत प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में लोकधुन कार्यक्रम चलाये जायेंगे। इसके अलावा खेलों को प्रोत्साहन देने के लिये 12 जनपदों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स बनाये जायेंगे। इन नवाचारी कार्यक्रमों के लिये भारत सरकार द्वारा समग्र शिक्षा परियोजना के तहत बजट प्रावधान किया गया है।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार विद्यालयों में नवाचारी गतिविधियों पर भी विशेष फोकस कर रही है, ताकि छात्र-छात्राओं को सह-शैक्षिक गतिविधियों में शामिल कर उनका सर्वांगीण विकास किया जा सके। डॉ. रावत ने बताया कि स्थानीय लोक संगीत, कला, वाद्य यंत्र इत्यादि को प्रोत्साहित एवं जीवंत बनाये रखने के लिये प्रथम चरण में प्रदेश के 380 राजकीय विद्यालयों में लोकधुन कार्यक्रम चलाये जायेंगे और छात्र-छात्राओं को विभिन्न विद्याओं में प्रशिक्षित किया जायेगा। बच्चों को स्थानीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ अथवा कलाकारों द्वारा ढोल-दमाऊं, मशकबीन का प्रशिक्षण दिया जायेगा साथ ही उन्हें संगीत व कला में भी दक्ष किया जाएगा। इसी प्रकार विद्यालय स्तर पर बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित कर उन्हें बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के मकसद से 12 जनपदों में स्पोर्ट्स काम्पलैक्स बनाये जायेंगे, जो आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे। इन स्पोर्ट्स काम्पलैक्स में खेल विशेष यथा बॉक्सिंग, बैडमिंटन, बास्केटवॉल, टेवल टेनिस आदि खेलों का प्रशिक्षण छात्र-छात्राओं को दिया जायेगा। डॉ. रावत ने बताया कि बच्चों में तर्क शक्ति विकसित करने के लिये भी शिक्षा विभाग ने अभिनव पहल की है। इस पहल के तहत प्रदेश के सभी विद्यालयों में अभिरूचि परीक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा। जिसमें बच्चों का प्रत्येक माह ओ.एम.आर. सीट आधारित परीक्षण किया जायेगा, ताकि बच्चे भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयार हो सके। इसके साथ ही राजकीय विद्यालयों में चलाये जा रहे सुपर 100 कार्यक्रम का दायरा बढ़ाकर 200 कर दिया है, ताकि अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को मेडिकल व इंजीनियरिंग की परीक्षा के लिये तैयार किया जा सके। भारत सरकार द्वारा इन सभी नवाचारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये समग्र शिक्षा परियोजना के तहत राज्य को बजट आवंटित कर दिया है। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को लगातार बेहतर किया जा रहा है। सरकार की तमाम कोशिशों के उपरांत राज्य में शैक्षिक संकेतकों में सुधार आया है। सकल नामांकन अनुपात (जीईआर), शुद्ध नामांकन अनुपात (एनईआर) में खासी वृद्धि हुई है। इसके अलावा ड्रापआउट दर में कमी जैसे घटक सरकार के शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की कोशिशों को इंगित करते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular